चार बिल्डरों को जीडीए ने जारी किया नोटिस
नवभारत टाइम्स | Aug 23, 2012, 08.00AM IST
नवयुग मार्केट :
बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिए फ्लैट का कब्जा देने के मामले में जीडीए ने चार बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जीडीए के निशाने पर 14 ऐसी बिल्डर कंपनियां हैं जिन्होंने कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिए हैं। इसके अलावा ऐसे अन्य कंस्ट्रक्शन की पहचान के लिए सर्वे किया जा रहा है।
15 दिनों में देना होगा जवाब
जीडीए के चीफ टाउन प्लानर एस. के. जमान ने बताया कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वाले 14 बहुमंजिले टावरों की पहचान की गई है। इन बिल्डिंगों को बनाने वाली फर्मों ने जीडीए से कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिए बिना फ्लैट को बेच दिया। ऐसा कर इन फर्मों ने अर्बन प्लानिंग एंड डिवेलपमेंट एक्ट का उल्लंघन किया है। जीडीए फर्स्ट फेज में इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है। अब तक चार फर्मों को नोटिस जारी कर भी दिया गया है। 15 दिनों के अंदर इन नोटिसों का जवाब देना है। उन्होंने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कार्रवाई होगी।
क्या है प्रावधान
मास्टर प्लान में दिए गए प्रावधानों के तहत बिल्डिंग बनाने के बाद संबंधित डिवेलपमेंट अथॉरिटी से कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। इसमें संबंधित अथॉरिटी जांच करती है कि बिल्डिंग में अवैध निर्माण तो नहीं है। कुल एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) के दस प्रतिशत तक अतिरिक्त निर्माण को कंपाउंड शुल्क देकर पास कराया जा सकता है। इससे अधिक के निर्माण को अवैध करार देकर सीलिंग या तोड़ने की कार्रवाई की जाती है। मानक के मुताबिक, पार्किंग, वॉटर सप्लाई, सीवर प्लान आदि का होना जरूरी है।
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नवभारत टाइम्स | Aug 23, 2012, 08.00AM IST
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बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिए फ्लैट का कब्जा देने के मामले में जीडीए ने चार बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जीडीए के निशाने पर 14 ऐसी बिल्डर कंपनियां हैं जिन्होंने कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिए हैं। इसके अलावा ऐसे अन्य कंस्ट्रक्शन की पहचान के लिए सर्वे किया जा रहा है।
15 दिनों में देना होगा जवाब
जीडीए के चीफ टाउन प्लानर एस. के. जमान ने बताया कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वाले 14 बहुमंजिले टावरों की पहचान की गई है। इन बिल्डिंगों को बनाने वाली फर्मों ने जीडीए से कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिए बिना फ्लैट को बेच दिया। ऐसा कर इन फर्मों ने अर्बन प्लानिंग एंड डिवेलपमेंट एक्ट का उल्लंघन किया है। जीडीए फर्स्ट फेज में इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है। अब तक चार फर्मों को नोटिस जारी कर भी दिया गया है। 15 दिनों के अंदर इन नोटिसों का जवाब देना है। उन्होंने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कार्रवाई होगी।
क्या है प्रावधान
मास्टर प्लान में दिए गए प्रावधानों के तहत बिल्डिंग बनाने के बाद संबंधित डिवेलपमेंट अथॉरिटी से कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। इसमें संबंधित अथॉरिटी जांच करती है कि बिल्डिंग में अवैध निर्माण तो नहीं है। कुल एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) के दस प्रतिशत तक अतिरिक्त निर्माण को कंपाउंड शुल्क देकर पास कराया जा सकता है। इससे अधिक के निर्माण को अवैध करार देकर सीलिंग या तोड़ने की कार्रवाई की जाती है। मानक के मुताबिक, पार्किंग, वॉटर सप्लाई, सीवर प्लान आदि का होना जरूरी है।
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